सर्वनाम ( Sarvanaam ) परिभाषा,भेद, उदाहरण
सर्वनाम दो शब्दों के योग से बना है सर्व + नाम , अर्थात जो नाम सब के स्थान पर प्रयुक्त हो उसे सर्वनाम कहा जाता है।
परिभाषा:-
संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहा जाता है। सर्वनाम संज्ञाओं की पुनरावृति रोककर वाक्यों को सौंदर्ययुक्त बनता है।
आसन शब्दों में – व्याकरण में सर्वनाम ऐसे शब्दों को कहते हैं, जिनका प्रयोग सब प्रकार के नामों के लिए या उनके स्थान पर होता है।
उदाहारण:-
- रमेश ने कहा की मैं बीमार हूँ। (‘रमेश’ के स्थान पर ‘मैं’)
- सभी लोगों ने कहा कि हम तैयार हैं। (‘लोगों’ के स्थान पर ‘हम’)
- राधा ने कृष्ण से पूछा कि तुम कब जाओगे। (‘कृष्ण’ के स्थान पर ‘तुम’)
- रोटी मत खाओ, क्योंकि वह जली है। (‘रोटी’ के स्थान पर ‘वह’)
- उपरोक्त वाक्यों में मैं, हम, तुम, वह सर्वनाम हैं।
सर्वनाम के भेद(प्रकार)
मूल सर्वनाम:-
हिंदी के मूल सर्वनाम 11 हैं- मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कौन, क्या, कोई, कुछ।
प्रयोग की दृष्टि से सर्वनाम के छ: (6) भेद होते है
सर्वनाम के छ: (6) भेद
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
2. निश्चयवाचक सर्वनाम
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
4. प्रश्नवाचक सर्वनाम
5. संबंधवाचक सर्वनाम
6. निजवाचक सर्वनाम
सर्वनाम के भेदों की परिभाषा और उदाहरण
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
जिन सर्वनाम शब्द का प्रयोग बोलने वाला अपने लिए, सुनने वाले के लिए तथा उस व्यक्ति के लिए जिसके बारे में वह बात कर रहा है, प्रयुक्त करता है, वे सभी ‘पुरुषवाचक सर्वनाम’ कहलाते हैं।
आसान शब्दों में- जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग वक्ता द्वारा खुद के लिए या दुसरो के लिए किया जाता है, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
उदाहरण:-
- मैं फिल्म देखना चाहता हूँ।
- तुम अपनी पुस्तक उसे दे दो।
- वे कब तक आयेगे।
यहाँ मैं, तुम और वे पुरुषवाचक सर्वनाम को दर्शा रहे है
पुरुषवाचक सर्वनाम के भेद
पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद होते हैं:-
(i) उत्तम पुरुष:- वक्ता जिन शब्दों का प्रयोग अपने स्वयं के लिए करता है , उन्हें उत्तम पुरुष कहते हैं।
जैसे – मैं , हम , मुझे , मैंने , हमें , मेरा , मुझको , आदि।
उदाहरण:-
- मैं फुटबॉल खेलता हूँ।
- हम दो हमारे दो।
- मेरी किताब मुझे दो।
यहाँ मैं,हम,मेरी, उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम को दर्शाते है
(ii) मध्यम पुरुष:- श्रोता ‘ संवाद ‘ करते समय जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग करता है उन्हें मध्यम पुरुष कहते हैं –
जैसे – तू , तुम , तुमको , तुझे , आप , आपको , आपके आदि।
उदाहरण:-
- तुम अब बोल सकती हो।
- तुम्हें कुछ कहना बेकार है।
- आप मेरे गुरु हैं।
यहाँ तुम,तुम्हे,आप मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम को दर्शा रहे है
(iii) अन्य पुरुष:-
जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग बोलने वाला या लिखने वाला किसी तीसरे व्यक्ति के बारे में बात करने के लिए करता है उन्हें अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे: यह, वह, ये, वे,उसे,वह , यह , उन , उनको , उनसे , इन्हें , उन्हें , उसके , इसने आदि। आदि ।
उदाहरण:
- वह बहुत खुबसूरत है, उसे लेकर आना
- उन्होंने वादा किया है।
- उसे कल बुला लेना।
- उन्हें जाने दो।
उपर लिखित वाक्यों में वह, उसे, उन्होंने, उसे, उन्हें, अन्य पुरुष वाचक सर्वनाम को दर्शा रहे है
पुरुष वाचक सर्वनाम के बाद अगला सर्वनाम के बारें में आगे पढिये…..
2. निश्चयवाचक सर्वनाम
जिन सर्वनाम शब्दों के प्रयोग से पास या दूर की किसी निश्चित वस्तु, व्यक्ति या स्थान का बोध हो वे शब्द निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।
आसान शब्दों में:-जो सर्वनाम निकट या दूर की किसी वस्तु की ओर संकेत करे, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे: यह , वह , ये , वे आदि। दूर के लिए वह का प्रयोग होता है, जबकि पास के लिए यह का प्रयोग होता है।
उदाहरण:-
- ये पुस्तकें मेरी हैं।
- वे मिठाइयाँ हैं।
- यह एक गाय है।
- वह तुम्हारी साइकिल है।
उपर लिखे वाक्यों में यह, वह, ये, वे आदि का इस्तेमाल निश्चित वस्तु के लिए हुआ है,अतः ये निश्चयवाचक सर्वनाम को दर्शा रहे है
निश्चयवाचक सर्वनाम के भेद:-
निश्चयवाचक सर्वनाम दो प्रकार का होता है-
1.दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम और
2.निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम।
1. दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम
जो शब्द दूर वाली वस्तुओं की ओर निश्चित रूप से संकेत करते हैं उन्हें दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। ‘वह’ दूर के पदार्थ की ओर संकेत करता है, इसलिए इसे दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे- वह मेरी पैन है। वे किताब हैं।
इसमें वह और वे दूर वाली वस्तुओं का बोध करा रहे हैं।
2.निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम
जो शब्द निकट या पास वाली वस्तुओं का निश्चित रूप से बोध कराये उन्हें निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। ‘यह’ निकट के पदार्थ की ओर संकेत करता है, इसलिए इसे निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे- यह मेरी पैन है। ये मुझे बहुत पसंद है।
इसमें यह और ये निकट वाली वस्तु का बोध करा रही है।
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
परिभाषा:- “जिस सर्वनाम से किसी निश्चित वस्तु का बोध न हो, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।”
आसान शब्दों में – जो सर्वनाम ऐसे व्यक्ति या पदार्थ का बोध कराये जिसका निश्चय ही न हो पाये। वो अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते है
जैसे- कोई, कुछ, सब कोई,हर कोई,कोई और,सब कुछ,कुछ का कुछ आदि भी अनिश्चयवाचक प्रयोग हैं।
उदाहरण:-
- बाहर कोई बुला रहा है।
- दूध में कुछ पड़ा हुआ है।
- कोई आ रहा है
- हर कोई जल्दबाजी में ही रहता है।
‘कोई’, ‘कुछ’,हर कोई सर्वनाम शब्दों में किसी घटना या किसी के होने की प्रतीति हो रही है। किंतु वास्तविकता निश्चित नहीं हो रही है। अतः यह अनिश्चयवाचक है।
4. प्रश्नवाचक सर्वनाम
जिन शब्दों का प्रयोग किसी वस्तु, व्यक्ति आदि के बारे में कोई सवाल पूछने या उसके बारे में जानने के लिए किया जाता है उन शब्दों को प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे: कौन, क्या, कब, कहाँ का प्रयोग ।
उदाहरण:
- बाहर कौन आया है?
- आप किसे बुला रहे हैं?
- तुम क्या कर रहे हो ?
- यह काम कैसे हुआ ?
ऊपर लिखित उदाहरणों में कौन,किसे,क्या,और कैसे प्रश्नवाचक सर्वनाम को दर्शा रहे है
5. संबंधवाचक सर्वनाम
जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किसी वस्तु या व्यक्ति का सम्बन्ध बताने के लिए किया जाए वे शब्द सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।
दुसरे शब्दों में – जो सर्वनाम शब्द दो भिन्न-भिन्न बातों में संबंध जोड़ने का काम करते हैं, उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं;
जैसे :-जो, जिसकी, जैसा आदि।
उदाहरण:-
- जो कर्म करेगा फल उसीको मिलेगा।
- जिसकी लाठी उसकी भैंस।
- जैसा कर्म वैसा फल
- जैसा करोगे, वैसा भरोगे।
- जो सोवेगा सो खोवेगा जो जागेगा सो पावेगा।
यहाँ उपरोक्त वाक्यों में जो,उसीको,जैसा,वैसा सम्बन्धवाचक सर्वनाम को दर्शा रहे है
6. निजवाचक सर्वनाम
जो सर्वनाम तीनों पुरूषों (उत्तम, मध्यम और अन्य) में निजत्व का बोध कराता है, उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं।
आसान शब्दों में:-वक्ता किसी चीज़ को अपने साथ दर्शाने या अपनी बताने के लिए करता है उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते हैं
जैसे- अपने, आप, स्वयं, खुद, निज आदि।
उदाहरण:-
- मैं अपना कार्य स्वयं करता हूं।
- मेरी माता भोजन अपने आप बनाती है।
- मैं अपनी गाड़ी से जाऊंगा।
- मैं वहां से अपने आप आ गया।
- तुम्हें भी स्वयं जाना पड़ेगा।
‘अपना’ , ‘ अपनी’ , ‘ आप’ जिस सार्वनामिक शब्दों से अपने या अपने तो का बोध हो उसे निजवाचक कहते हैं।
इस तरह से सर्वनाम की परिभाषा उसके भेद (प्रकार) से सम्बन्धित यह पाठ समाप्त हुया,आपके सुझाव हमें कमेन्ट करके बताएं जिससे हम और भी व्याकरण सम्बन्धी जानकारी आप तक पहुंचाते रहें